शादी ब्याह में वनडिश कानून पर विचार
शादी-ब्याह में अब केवल एक सब्जी या
नॉनवेज के साथ पूड़ी या रोटी ही परोसी जा सकेगी। खाद्य
मंत्रालय शादी-ब्याह और सामाजिक समारोह में होने वाले भोज के
लिए �वन डिश� कानून पर विचार कर रहा है। देश में सामाजिक
उत्सवों में होने वाले भोजन की बर्बादी को देखते हुए मंत्रालय
ने सोमवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में इस समस्या पर विचार किया।
इस तरह का कानून वर्तमान में पाकिस्तान सहित कुछ दूसरे देशों
में भोजन की बर्बादी रोकने के लिए लागू है।
बैठक के बाद संवाददाताओं के साथ वार्ता में खाद्य मंत्री केवी
थामस ने बताया कि राष्ट्रीय सलाहकार परिषद द्वारा पाकिस्तान के
वन-डिश लॉ को लागू करने का विचार मंत्रालय के पास भेजा था।
मंत्रालय अब पाकिस्तान सहित दूसरे देशों में इस मद में लागू
कानूनों पर गौर करेगा। भोजन की बर्बादी को रोकने के लिए यह
बहुत जरूरी है। थामस ने कहा कि कुल उपलब्ध भोजन का लगभग 15 से
20 प्रतिशत भाग इन पारिवारिक व सामाजिक उत्सवों में बर्बाद हो
जा रही है। यह चिंता का विषय है जबकि अपना देश हंगर इंडेक्स
में 63 वें स्थान पर है। उन्होंने कहा कि एक विचार यह भी है कि
पहले जागो ग्राहक जागो जैसे अभियान से देश में इस समस्या पर
जागरूकता पैदा की जाए और फिर बाद में कानून बनाया जाए। सोमवार
की बैठक में राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के सदस्य एन सी सक्सेना,
उत्तराखंड व सिक्किम के पूर्व राज्यपाल सुदर्शन अग्रवाल तथा
राज्यसभा के कांग्रेसी सांसद राजीव अग्रवाल ने दूसरे लोगों के
साथ हिस्सा लिया। इस मौके पर सक्सेना ने कहा कि भारत पाकिस्तान
के वन डिश कानून के विकल्प पर विचार कर सकता है जिसमें वन
वेजीटेबल और चपाती या चावल की भोजन में परोसा जा सकता है। जबकि
अग्रवाल और शुक्ला ने गेस्ट कंट्रोल ऑर्डर को फिर से जीवित
करने का सुझाव दिया। इस आदेश के तहत आमंत्रित किए जाने वाले
मेहमानों की संख्या पर नियंत्रण किया जाता है। हालांकि थामस ने
कहा कि गेस्ट कंट्रोल ऑर्डर के मूल दस्तावेज प्राप्त नहीं किए
जा पा रहे हैं। हमारे पास असाम के 1966 के दूसरे गेस्ट कंट्रोल
आर्डर के दस्तावेज रिफरेंस के लिए उपलब्ध है। इस आदेश के तहत
उस प्रदेश में होने वाली शादियों और तेरही संस्कार में
मेहमानों की संख्या 100 तथा छोटी पार्टियों के लिए मेहमानों की
संख्या 25 तय की जा सकती थी। मंत्री ने बताया कि राज्यों के
बीच इस मामले को लेकर संवेदना जगाने के लिए जून के महीने में
एक राष्ट्रीय कांफ्रेंस आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि
सरकार को भी लोक कार्यक्रमों और कांफ्रेसों के दौरान भोजन की
बर्बादी को रोक कर उदाहरण प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
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